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    First solar eclipse 2025: मार्च महीने में इस दिन लगेगा सूर्य ग्रहण, अभी नोट करें डेट और सूतक टाइम

    सनातन धर्म में चैत्र अमावस्या के पर्व को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस बार चैत्र अमावस्या पर सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025 Date) का साया रहेगा। इस दौरान शुभ और मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं। साथ ही कई तरह की सावधानियां भी बरती जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि नियम का पालन न करने से साधक को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

    By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 05 Mar 2025 11:35 AM (IST)
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    चैत्र अमावस्या पर रहेगा सूर्य ग्रहण का साया

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सूर्य ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना जाता है। सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आने से सूर्य ग्रहण लगता है। सनातन धर्म में सूर्य ग्रहण को अशुभ माना जाता है। इसलिए इस दौरान शुभ और मांगलिक काम करने से बचना चाहिए। साथ ही नियम का पालन करना बेहद आवश्यक होता है। माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान शुभ और मांगलिक काम करने से व्यक्ति को जीवन में अशुभ फल की प्राप्ति होती है।

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    सूर्य ग्रहण से पहले 12 घंटे सूतक काल शुरू हो जाता है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर जाने से बचना चाहिए और प्रभु के मंत्रों का जप करना चाहिए। ऐसे में आइए हम आपको बताएंगे साल के पहले सूर्य ग्रहण की डेट और इससे जुड़े नियम के बारे में।

    सूर्य ग्रहण 2025 डेट और टाइम ( Surya Grahan 2025 Date and Time)

    आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सूर्य ग्रहण अमावस्या तिथि पर ही लगता है। इस बार साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगेगा। सूर्य ग्रहण की शुरुआत 29 मार्च को दोपहर 02 बजकर 20 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन शाम 06 बजकर 16 मिनट पर होगा। लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत (Solar eclipse 2025 India) में दिखाई नहीं देगा, जिसकी वजह से इसका सूतक काल ( Surya Grahan Sutak Time) भी भारत में भी मान्य नहीं होगा। इसके बाद साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा।

    यह भी पढ़ें: Chandra Grahan 2025: कब है साल का पहला चंद्र ग्रहण? अभी नोट करें सूतक का समय

    किन देशों में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?

    साल का पहला सूर्य ग्रहण यूरोप, आयरलैंड, फ्रांस, यूरोप, उत्तर-पश्चिमी रूस, फिनलैंड और रूस समेत आदि देशों में दिखाई देगा।  

    सूर्य ग्रहण के समय क्या न करें?

    • सूर्य ग्रहण की अवधि के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए।
    • इसके अलावा पूजा-पाठ नहीं करना चाहिए।
    • सूर्य ग्रहण से पहले मंदिर के पट बंद कर देने चाहिए।
    • इस दौरान भोजन नहीं पकाना चाहिए। साथ ही किसी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए।
    • सूर्य ग्रहण के समापन होने के बाद स्नान करें और मंदिर एवं घर में गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। इसके बाद पूजा करें। श्रद्धा अनुसार मंदिर या गरीब लोगों में दान करें।  

    सुख और समृद्धि में होगी वृद्धि

    अगर आप सुख और समृद्धि में वृद्धि चाहते हैं, तो सूर्य ग्रहण के बाद पीपल के पेड़ की पूजाा-अर्चना करें। साथ ही अन्न और धन का दान करें। ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।